शुक्रवार, 11 नवंबर 2011

शिव सेना का मराठी प्रेम


शायद बी.ऍम.सी चुनावो के करीब आते देख कर एक बार फिर मुम्बई मैं शिव सेना ओर मनसे का मराठी प्रेम जाग गया है....ओर ये चाचा भतीजे मिल कर मानो पूरे मुंबई पर कब्ज़ा करने मैं जूट गए है....कहीं न कहीं इनके मराठी प्रेम मैं सबसे ज्यादा घाव दुसरे राज्यों से आकर रह रहे विभिन्न तबके के लोगो को हो रहा होगा जो की ये सोच कर आये थे की दो वक़्त के रोटी का जुगाड़ करेंगे पर उन्हें क्या पता था की यहाँ पर उनके साथ पराया व्यवहार होगा...आज इनकी गन्दी राजनिति के कारन कहीं न कहीं मुंबई को शर्म- सार होना पर रहा है ...ओर जहाँ तक मेरा ख्याल है की अगर आज मुंबई का विकास हुआ तो इसमें न सिर्फ मुंबई वाशियों का अकेला का योगदान है बल्कि हर जगह से आये हर इन्सान ने अपना सहयोग दिया है....ओर अगर इन चाचा भतीजो को पता हो तो शायद मुंबई मैं जब जब आतंकी हमले हुए है उसमे अपनी जान गंवाने वाले सिर्फ मुंबई वाशी ही नहीं थे बल्कि वो हर राज्ये के थे...ओर तो ओर अपनी जानो की परवाह न करते हुए न जाने कितने जवान जो दुसरे राज्यों से थे वो मुंबई को बचने के लिए अपने प्राणों का आहुति तक दी ...इतने के बाद भी इन महान नेताओ के मान से पता नहीं कब जाएगी ये गन्दी राज नीति !!कब तक ये अपनों के साथ ऐसे बर्ताव करेंगे ओर लोकतंत्र की बात करने वाले ये नेताओं को लगता है लोकतंत्र की परिभाषा तक नहीं पता तभी तो चंद वोटो के लालच मैं ये खुद तो बदनाम हो रहे है ओर तो ओर मुंबई के नाम पर भी दाग लगाने मैं जुट गए है....आखिर ओर कब तक हमे ओर आप सब को ये गन्दी राजनीती के रूप मैं परोसा जायेगा ओर आखिर कब तक मासूम ओर बेगान्हो पर हमले होते रहेंगे ओर क्या मुंबई किसी एक की अकेली है ???देश मैं ओर दुर्गन्ध मत फैलाओ हम देश मैं ओर बंटवारे नहीं चाहते है .....हम एकता पर विश्वास रखते है ....

पुनीत कुमार
न्यू दिल्ली