शनिवार, 18 अगस्त 2012

नेताओं का कोयला प्रेम

राजनीतिक गलियारे में उस समय भूकंप आ गया जब देश की संवैधानिक जांच एजेंसी कैग ने एक और घोटालों के महा-घोटाले का सच संसद में रखा...जाहिर है जब बड़ा घोटाला हुआ है तो सत्ता-पक्ष और विपक्ष में  तना-तनी  चलना लाज़मी है , और हो क्यों न आखिर अकेले देश के कोयले को बेचकर सिर्फ सत्ता पक्ष ही थोड़े अपने मुंह काला करवाना चाहेगी बाकि दल भी तो बहते हुए काले  कोयला में अपना मुंह धोना चाहेंगे ....अब ये तो बड़ा गड़बड़ हुआ की अकेले एक सरकार  के महकमे ने देश को 1लाख़ 86 हजार  करोड़ का स्वंत्रता दिवस के  
उपलक्ष्य में एक तोहफ़ा दिया है ...शायद  अन्ना और उनकी टीम ने जो भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे वो अब सब सही साबित होने लगे है...जहाँ तक मुझे याद है जब टीम अन्ना ने पहली बार प्रधानमंत्री  पर घोटालों का आरोप लगाया था उस समय प्रधानमंत्री ने कहा था की अगर साबित हुआ तो मैं  राजनीती से  संन्यास ले लूँगा! वैसे भी आपके लिए बेहद जरुरी हो गया है और अगर नहीं ले सकते  है तो  देश मैं अभी कितने घोटाले होने बाकि है इसी का जवाब दे दीजिये  ? कल कांग्रेस के एक प्रवक्ता प्रेस-कांफ्रेंस में  कहते है की "कैग " को "जीरो " लगाने की आदत हो गयी है पर अब सवाल ये उठता है की खुद आप ही अब संवैधानिक कार्य-शैली पर अगर प्रश्न उठाएंगे तो आम इंसान किस पर यकीन करे। क्यूंकि आप न तो अब इतने भरोसे के लायक रहे और न देश की जनता अब इतनी सामर्थ्य है की वो अपना खून और आपको पीने दे तो बयानबाजी  बंद करके नैतिकता के आधार पर पद की गरिमा का ख्याल करते हुए अपने अपने इस्तीफे दस जनपथ में पेश कर दीजिये वैसे भी राम जी ने तो 14 साल का बनवास काटा  था पर अगर इस देश की गरीब जनता का  गुस्सा अगर जाग गया तो शायद ही आपका सत्ता का बनवास कभी पूरा हो नहीं  पाए....देश में  मेहंगाई कमर तोड़ रही है और आप है की जनाब कोयलों में हीरे की तरह पैसे निकल रहे है...और स्वतंत्रता दिवस पर भी हवाई-किले से हवाई -भाषण देते है की जल्द ख़त्म होगी महंगाई ..भाई इस ताबड़ तोड़ महंगाई में  जिस ताबड़ तोड़ ढंग से सरकार ने अपनी कमाई की है उससे तो यही लगता है की भ्रष्ट्राचार के युग में  हम 4जी से भी तेज गति से घोटालों पर घोटाले कर रहे है ...और यही हाल रहा तो कांग्रेस की दुआ से भारत को भ्रष्ट्राचार में प्रथम स्थान के साथ  स्वर्ण पदक तो जरुर हासिल होंगे...देश ने अभी अभी तो स्वंत्रता दिवस मनाया है और पिछले 65 साल में हुए राजनितिक परिवर्तनों को तो सामाजिक परिवर्तनों को आर्थिक हो या फिर जतिगात मुद्दे हो इनसब बदलाव के बारे सोच रही थी की आपने वो भी न करने दिया और आम इंसान पर अब और भोज दाल दिया की 1लाख 86 हज़ार करोड़ के घोटाले को याद रखे।वैसे मैं दाद दूंगा कांग्रेस के नेतृत्व की क्यूंकि उसे पता है देश की भोली -भाली जनता हर बार भूल जाती है पर इस बार , ए .राजा , सुरेश कलमाड़ी, प्रफ़ुल पटेल तो खुद कई और  बड़े नेता भी है  जिन्होंने जमकर भ्रष्टाचार  का खेल खेला है और अब भी बिना किसी दवाब के पदों पर बरकरार है ! बड़ा आश्चर्य होता है की हम स्वंत्रता दिवस क्यों मानते है और इनमे से तो कई भ्रष्टाचारी नेता खुद राष्ट्र -धव्ज  फ़हरा रहे होते है अब समझ में  आया की आज़ादी तो अंग्रेजो से मिली पर आज़ाद तो हम अब तक नही हुए वो वक़्त था गरीब लगान भरकर जुल्मो का शिकार हो रहा था पर अभी आम आदमी अपनी मेहनत  की कमाई टैक्स भरकर कसाब और अफज़ल गुरु के खाने के लिए और उनकी सुरक्षा के लिए दे रहा है भले देश सुरक्षित हो या न हो. और बचे पैसे देश के उन नेताओ के है जिनकी मेहनत ये थी की उन्हें जनता के विश्वास को जीतकर उससे देश को कंगाल करने में सहयोग देना है ...
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