सोमवार, 26 दिसंबर 2011

आरक्षण पर विवाद

भारत में आरक्षण को लेकर हमेशा ही विवाद चला आ रहा है जो की शायद ही कभी रुकने से रुके...जैसे जैसे ५ राज्यों के विधानसभा चुनावो की तिथियाँ नजदीक आ रही है वैसे वैसे सारे राजनितिक दल अपने लुभावने पत्ते जनता के सामने बिछा रहे है! और इस बार भी आम जनता को सिर्फ आरक्षण के नाम पर फुसलाया जा रहा है !इसका सबसे बड़ा उदाहरण जन लोकपाल मुद्दे में आरक्षण के दौरान देखने को मिला जहाँ सारा देश भ्रष्ट्राचार की लडाई लड़ रहा है वहीँ इन सफेदपोशो को इसमें भी आरक्षण दिखने लगा और इस भ्रष्ट्राचार के खिलाफ उठी आवाज़ को कहीं न कहीं आरक्षण के नाम पर दबाने की कोशिश कर रहे है....पर ये बात यही ख़त्म नहीं होती है ! मेरा सवाल है की आरक्षण सिर्फ जात-पात के आधार पर ही क्यों मिलता है? क्या ऐसे आरक्षण से कोई फायदा है ? आज हम अच्छी तरह से वाखिफ है की हमारे देश में प्रतिभाशालियों की कमी नहीं है बस अंतर यह है की उनको सही मार्ग और दिशा नहीं मिल पा रहा है जिसके पीछे सिर्फ एक कारण है और वो मुख्य कारण उनकी गरीबी और सिर्फ गरीबी ....तब कहाँ चले जाते है आरक्षण के रखवाले जब एक प्रतिभासाली को मंच नहीं मिल पाता है ? और आरक्षण तो दूर की बात अगर सही मायनो में आरक्षण को देखा जाये तो ये सिर्फ अमीरों के लिए बना है! क्या आज राज्यों की सरकार और केंद्र सरकार को पता है की आरक्षण के नाम पर कितनी धांधलिया चल रही है ?..कहने को तो आरक्षण पिछडो को आगे लाने के लिए था और उनके विकास के लिए था पर आज ये सिर्फ नेताओ के लिए एक चुनावी मुद्दा बन कर रह गया है !जिसको देखो वही देश के बंटवारे में पूरी तरह लग गया है ! अगर बंटवारे से इतना प्रेम हो गया है तो शिक्षा जगत में बच्चो को सिखाई जाने वाली ये पंक्ति का प्रयोग करना बंद कर दो "हम एकता मैं विश्वास रखते है "..क्यूंकि इसी आधार पर बच्चे एकता की परिभाषा समझते है और अंत में आपके आरक्षण के नाम पर उसकी पूरी मेहनत मिट्टी में मिल जाती है ...आज आपके इस आरक्षण के कारण कितनो ने आत्म हत्याएं की होंगी तब आप कहाँ रहते है?
आरक्षण गलत नहीं है पर आरक्षण के नाम पर जो आप इंसान के भावनाओ और उनके प्रतिभाओ से खिलवाड़ कर रहे है वो काफी कष्टदायी है ....वैसे भी हमारे देश धर्म की आग मैं झुलस रहा है इसको आप जैसे सफ़ेद पोश नेताओ ने अब आरक्षण की आग में भी झुलसाने को तैयार कर दिया है !!कल एक इंसान जो की अपनी मेहनत और परिश्रम के बल आगे आना चाहता है उसे आप आरक्षण के नाम पर शहीद करा देते है !!या तो सबको एक सामान अधिकार दे दीजिये या तो फिर इतनी मेहरबानी कर दीजिये की आप गरीबो के लिए आरक्षण बनाइये जिनको आपके इस घटिया राजनीती के कारण लाखो प्रतिभा होने के बाद भी दर दर भटकना पड़ रहा है !!! चुनाव करीब आया तो एका-एक आप दलित ओर अल्पसंख्यक को लुभाने के लिए नए नए पैंतरे अपना रहे है ! अरे दो दिन किसी गरीब के यहाँ रहने से या फिर खाने से विकास नहीं होता है इतना हमदर्द है तो उस गरीब के बच्चो की शिक्षा के लिए नए नए कालेजों का निर्माण कराइये!!! आरक्षण के नाम पर आप अमीरों को और अमीर मत बनायिए और कहीं ऐसा न हो जाये की आप खुद देश को दो भाग मैं बाँट दीजिये अपनी गन्दी राजनीती के कारण ! शायद आपका आरक्षण सिर्फ अमीरों के लिए है न की गरीबो और पिछडो के लिए ....इसलिए आरक्षण को देने से पहले आप उसमे सुधर जरुर कीजिये!!!

1 टिप्पणी:

  1. Anna Hazare ... ek aisa nam jise Janta ne gandhi se tola ... ye har maine me sahi bhi tha .. Par Anna ji ne kabhi nahi socha hoga ki unki ekta wadi soch ko bhi rajniti ka sikar banaya jayega .. akhir hamare netao (salo) ne apni gandi rajniti dikha hi di , aur kuch gadhe saale unki bato me a hi gaye .. aur gaur karne ki bat hai unhe bhi jaychand jaise pratinidhi mil gaye .. waise bat sahi hai jaichand aur gadhe kam nahi hai bharat me tabhi bharat hamesha gulam raha .. par un gadho aur jaichando ko sabak sikhane ka waqt hai mera awahan hai sabhi se jati aur dharm se uper uthe .. aur in bhedio(netao) ko jawab de ki ham sabhi ek hai (Hindustani) .. aur in jaichando aur gadho ki to bat hi alag hai .. ant me mai yahi kahonga ki ap sabhi apne vivek ka itsemal kare is ladai me ham sabhi samil hain to yogdan dene se kyo piche hatein

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