सोमवार, 20 जून 2011

मीडिया का दायित्व ?


बदलते युग के साथ मीडिया ने भी अपने आप को काफी बदला है.पर इस बदलाव के साथ ही मीडिया ने आज अपने दायित्वों को भूलते हुए और अपने सिद्धांतो को बिना परवाह किये हुए वो दिन प्रतिदिन उल जुलूल खबरों को दिखने मैं लग गया है!पर समझ मैं यह नहीं आता की आखिर मीडिया टी.आर.पी। के चक्कर मैं इतना कैसे भटक गया है की आज वो अपने दर्शको को भी गलत खबरों को दिखा कर भटका रहा है !पिछले दिनों जन्तर मन्तर पर जो कुछ भी हुआ शायद वो मीडिया के कार्य शैली को कहीं न कहीं जरुर दिखा दिया....पिछले दिनों ठीक इसी प्रकार धरती पलटने मैं लग गए थे कुछ बड़े न्यूज़ चैनल तो कुछ को खुद भगवन दर्शन दे रहे थे तो कुछ को स्वर्ग और नरक का रास्ता मिल गया था...आखिर कर भगवान भी सोच रहे होंगे की इतना मजबूत लिंक कैसे है इन मीडिया वालो का जो हमारे बारे मैं भी छान बिन कर ले रहे है !खैर भगवान को किसी तरह बक्शा तो अब बाबा जी के पीछे फुल्ली फोकस हो गए जहाँ बिचारे बाबा रामदेव जी काले धन को को लेकर आमरण अनशन पर बैठ गए तो मीडिया ने २४*७ बाबा जी को टेलेकास्ट किया और उसके बाद बाबा जी के साथ जो कुछ भी हुआ वो भी काफी अफ़सोस जनक था पर मीडिया ने तो मानो बाबा जी के प्रति इतना प्यार दिखाया की बाबा जी खुद बा खुद मीडिया को हर जगह बुलाने लगे ...पर जब बाबा जी उनसे धन के बारे मैं पुछा गया और हिसाब माँगा गया तो बाबा जी ने सिर्फ ४ ट्रस्टो का हिसाब देकर बाकि हिसाब देना भूल गए ..पर शायद बाबा जी को यह नहीं पता था की यह भारतीय मीडिया है जब भगवान का पता लगा ली तो आपके धन का भी पता लगा ही लेगी और मीडिया ने लगा भी लिया और भरे प्रेस वार्ता मैं बाबा जी उनसे उनके निजी ३४ कंपनियों के बारे मैं पूछ लिया खैर बाबा जी किसी तरह शांत रहे पर उनके सहयोगी बाल कृष्णन बार बार बुरा मान जाते और मीडिया को आर.टी.आई। के बारे मैं बताकर वहां से जानकारी लेने की सलाह देते थे !पर शायद इस बात के बाद बाबा जी मीडिया से खुश नहीं है ....पर ये बात तो सत्य है की हम और आप भी कहीं न कहीं दोषी है क्यूंकि हम भी उन चीजों को गौर से देखना चाहते है जिसका कोई तर्क नहीं है और मीडिया जब वो दिखता है तो हम आलोचना करते है ...मीडिया ने हर एक जगह पर अपना महत्व पूर्ण योगदान दिया पर आखिर अकेला वो क्या कर सकता है जब तक हम और आप कुछ अलग न सोचे ???
पुनीत कुमार
न्यू दिल्ली

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