सोमवार, 20 जून 2011

उत्तर प्रदेश या जुर्म प्रदेश ?


जिस देश की महिला राष्ट्रपति हो और उस देश मैं मौजूद राज्य की मुखिया खुद ही महिला हो और उस राज्य मैं महिलाओ के साथ बाल्तकार और छेड़-खानी हो और वहां पर कानून नाम की कोई चीज़ ही न हो तो आप क्या कहेंगे? जी हाँ ऐसा ही कुछ हाल उत्तर प्रदेश मैं महिलाओं के साथ हो रहा है क्यूंकि सूबे मैं अब महिलाएं भी अपने आप को सुरक्षित नहीं मान रही है !आज सबसे ज्यादा खतरा और किसी से नहीं बल्कि सूबे की मुखिया के माननीयो से है...और इतनी घटनाओ के बाद भी प्रदेश सरकर की आंख नहीं खुल रही है.!!पिछले दिनों बी.एस.पी. के ज्यादातर विधायको और पूंछलग्गू नेताओ पर सबसे ज्यादा आरोप लगे है इसके बाद भी कोई कठोर करवाई नहीं की जा रही है !आज प्रदेश की मुखिया इधर सुरक्षा को लेकर प्रेस वार्ता कर रही है उधर इसी दौरान इनके माननीयो के द्वारा ऐसा शर्मसार कर देने वाला कृत्य किया जा रहा है !मायावती जी को शायद दिन मैं भी अपनी जनता को भली भांति सपने दिखाने आता है और झूठा आश्वासन हमेशा उनकी जवान पर है...पिछले दिनों कानपूर दौरे पर जब वो गयी थी तो प्रदेश की जनता ने उनका असली चेहरा देख लिया था की एक महिला होने के नाते वो एक महिला का वो कितना दर्द समझती है!!और वर्तमान समय मैं भी बलात्कार और पुलिस उत्पीडन के मामलो मैं कोई कमी नहीं आ रही है और इतना सब कुछ होने के बाद भी डंके की चोट पर मायावती ये कहते नज़र आ रही है की प्रदेश मैं अब कानून व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है और कोई दिक्कत नहीं है अब! पर कौन समझाए की आपकी पार्टी के कार्य-करता से लेकर ऊपर तक ज्यादातर लोग धन बल के जरिये अपना शासन चला रहे है और प्रदेश मैं जुर्म लगातार बढ़ते जा रहा है !!!और मायावती जी के पास मूर्तियों और स्मारकों को बनवाने से समय मिल पाए तब तो वो प्रदेश के बिकास और कानून व्यवस्था के बारे मैं सोचे...और उनके कार्य काल को देखकर तो यही लगता है की उनकी नियत मैं खोट आ गया है और वो अब वो ये जान चुकी है की उनकी जनता की आँख धीरे धीरे खुल चुकी है इसलिए जो हो रहा है होने दो अब वैसे भी अगले चुनाव का क्या पता सत्ता सुख मिले या न मिल पाए ??? इससे बेहतर तो यही है की जितना खा सके और जितना सरकारी धन बचा सके बचा ले...जनता का क्या है अगली बार कोई और आएगा खून चूसने के लिए पर जो भी आपने सही कहा था और सिद्ध भी कर दिया की "सर्वजन हिताए सर्वजन सुखाये" और शयद आज प्रदेश की जनता भी अब समझ गयी इसका मतलब की "आपका तो हित हो ही गया बहन जी पर जनता आपके साशन मैं पूरी तरह सुख गयी उस तरह से जैसे किसी रेगिस्तान मैं बर्षो से पानी न बर्षा हो" इसे कहते है सत्ता का पॉवर !!
पुनीत कुमार
न्यू दिल्ली

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